Followers

Thursday, May 9, 2013

तुम्हारा खो जाना

क्या तुम्हे पता है
तुममे तुमको मैं कितना
तलाश करती हूँ आजकल ,
कहीं गुम से गए हो
क्यों कहाँ कैसे
पता नहीं ?
मैंने तो तुममे खो कर
अपना वजूद पाया  ,
पर तुमने तो खुद को ही
खो दिया ,
पर मैं भी हार नहीं मानने वाली
तुम्हे तुमको लौटा कर ही
दम लुंगी ,
आखिर इसमे मेरा भी तो स्वार्थ है ,
"तुम्हे तुमको लौटा कर
मुझे मैं मिल जाऊँगी  "

रेवा


9 comments: