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Monday, July 13, 2015

अनकही जुबां !!



बेवफाई ने तेरी
कर दिया बेजुबां ,
हर तन्हा लम्हे से
करती हूँ मैं बस
एक ही सवाल ,
क्या मैं प्यार के
क़ाबिल नहीं ?
या किस्मत ही है
बईमा ,
या पल पल की तड़प
नाम है मेरे ,
काश ! तुम समझ पाते
मेरे नम आँखों की जुबां ,
पढ़ पाते
मेरी दर्द भरी मुस्कान ,
पर अब भी मेरे पास
जीने की है एक वजह
मेरे दिल मे बसे
तेरे प्यार की वो
अनकही जुबां !!

रेवा



15 comments:

  1. ये प्रेम ही है जो संजीवनी है ...

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  2. वाह..
    काश तुम समझ पाते
    मेरे नाम आखों की जुबां ...वाह

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  3. वाह वाह उम्दा भाव

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  4. जीने का बहाना मौत से बडी सजा
    http://savanxxx.blogspot.in

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  5. प्रेम की खासियत है की वो टूट सकता है मिट नहीं सकता ।
    ---खूबसूरत रचना ।

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  6. बहुत सुन्दर रचना

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  7. प्यार से जुड़े दर्द भरे अहसास को बेहद उम्दा तरीके से दर्शाया

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